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Wednesday, March 8, 2023

आखिर क्या है ऐसा इस नाजुक से शब्द 'प्यार' में? क्या वजह है कि सुनते ही रोम-रोम मीठा और भीना अहसास जाग उठता है? आईये जानते हैं

आखिर क्या है ऐसा इस नाजुक से शब्द 'प्यार' में? क्या वजह है कि सुनते ही रोम-रोम मीठा और भीना अहसास जाग उठता है? आईये जानते हैं

Written By:- Irfan Khan, 08 March 2023

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प्रेम, प्यार, इश्क, मोहब्बत, नेह, प्रीति, अनुराग- आखिर क्या है ऐसा इस नाजुक से शब्द 'प्यार' में? क्या वजह है कि सुनते ही रोम-रोम मीठा और भीना अहसास जाग उठता है? जिसे प्यार हुआ नहीं, उसकी इच्छा है कि हो जाए, जिसे हो चुका है वह अपने सारे प्रयास उसे बनाए रखने में लगा रहा है। 


प्रेम, प्यार, इश्क, मोहब्बत, नेह, प्रीति, अनुराग, चाहत, आशिकी, अफेक्शन, लव। ओह! कितने-कितने नाम। और मतलब कितना सुंदर, सुखद और सलोना। आज प्रेम जैसा कोमल शब्द उस मखमली लगाव का अहसास क्यों नहीं कराता जो वह पहले कराता रहा है?

जो इन नाजुक भावनाओं की कच्ची राह से गुजर चुका है वही जानता है कि प्यार क्या है? कभी हरी दूब का कोमल स्पर्श, तो कभी चमकते चांद की उजली चांदनी। 
सच्चा प्यार शारीरिक आकर्षण नहीं है, बल्कि सुंदर सजीले रंगों की मनभावन बरखा है प्यार। अपने वेलेंटाइन की एक झलक देख लेने की 'गुलाबी' बेचैनी है प्यार। 'उसके' पास होने अहसास को याद करने की 'नारंगी' इच्छा है प्यार। उसकी आवाज सुनने को तरसते कानों की 'रक्तिम' गुदगुदी है प्यार। 
उसकी कच्ची मुस्कान देखकर दिल में गुलाल की लहर का उठना है प्यार। उसके पहले उपहार से शरबती आंखों की बढ़ जाने वाली चमकीली रौनक है प्यार। कितने रंग छुपे हैं प्यार के अहसास में? 

प्यार या प्रेम एक एहसास है, जो दिमाग से नहीं दिल से होता है और इसमें अनेक भावनाओं व अलग अलग विचारो का समावेश होता है प्रेम स्नेह से लेकर खुशी की ओर धीरे धीरे अग्रसर करता है। ये एक मज़बूत आकर्षण और निजी जुड़ाव की भावना है जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित करती है।

मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि वास्तव में प्यार का एक मनोविज्ञान आधार होता है, जिसे समझ पाना हर किसी के लिए संभव नहीं। दरअसल एक-दूसरे की ओर आकर्षित होना एक रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें दूसरे की गंध, आवाज, शरीर तथा उसके हाव-भाव अच्छे लगने लगते हैं और मन में यह भाव उत्पन्न हो जाता है कि वही व्यक्ति उसके लिए सबसे बेहतर है


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लोग प्यार क्यों करते हैं?

जब हमें किसी से प्यार होता है तब ब्रेन में एक केमिकल प्रोसेस होता है जिसके कारण आप अपनी इच्छाओं के चलते किसी की तरफ आकर्षित हो जाते हैंहाल ही में हुए एक रिसर्च में इस बात को साबित किया गया है कि प्यार का होना असल में ब्रेन केमिकल प्रोसेस होता है। हर कोई अपने पार्टनर को लेकर कुछ न कुछ तो जरूर सोचता है।


जीवन में प्यार की अहमियत

प्यार या प्रेम एक बहुत ही खूबसूरत अहसास है. जीवन में प्यार का बहुत महत्व है. प्यार इंसान को ज्यादा समझदार, सहनशील, विनम्र और दयालु बना देती है. प्यार ज़िन्दगी को एक नयापन और ताज़गी प्रदान करता है. प्यार से जीवन में रस और रोमांस भर जाता है. जब आप प्यार में होते हैं तो आपको हर चीज़ अच्छी और सकारात्मक लगने लगती है. तो आइए हम आपको बताते हैं प्यार से जुड़ी कुछ मज़ेदार बातें.




सूखे हुए फूल की झरी हुई पंखुरी है प्यार। किसी किताब के कवर में छुपी चॉकलेट की पन्नी भी प्यार है और बेरंग घिसा हुआ लोहे का छल्ला भी। प्यार कुछ भी हो सकता है। कभी भी हो सकता है। बस, जरूरत है गहरे-गहरे और बहुत गहरे अहसास की। 

प्यार का अर्थ सिर्फ और सिर्फ देना है। और देने का भाव भी ऐसा कि सब कुछ देकर भी लगे कि अभी तो कुछ नहीं दिया। 

प्यार किसी को पूरी तरह से पा लेने का स्वार्थ नहीं है, बल्कि अकेले में एक-दूजे को देखते रहने की भोली तमन्ना है प्यार। बाइक पर अपने साथी से लिपट जाना ही नहीं है प्यार, एक-दूसरे का मासूम सम्मान और गरिमा है प्यार। उधार लेकर महंगे गिफ्ट खरीदना नहीं है प्यार, बल्कि अपनी सैलेरी से खरीदा भावों से भीगा एक सूर्ख गुलाब है प्यार। 

प्यार को और क्या नाम दिया जाए, वह तो बस प्यार है, उसे पनपने के लिए 'स्पेस' दीजिए। वेलेंटाइन डे के मौके पर प्यार जैसी खूबसूरत अनुभूति को खत्म मत कीजिए। बल्कि इस दिन से इस कोमल भावना के सम्मान का संकल्प लीजिए। इसे खेलने की चीज न बनाएं बल्कि खुशी और खिलखिलाहट की वजह बने रहने दीजिए।

Written By:- Irfan Khan, 08 March 2023
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